सोनभद्र। रॉबर्ट्सगंज कोतवाली ने एक प्राइवेट चिकित्सक के खिलाफ छेड़खानी का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की है। चिकित्सक पर एक दलित युवती से छेड़खानी करने का आरोप है। पुलिस संबंधित धाराओं में केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है। विशेष न्यायाधीश (एससी.एसटी) की न्यायालय में दिए प्रार्थना पत्र में घोरावल कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली महिला ने बताया कि वह आदिवासी वर्ग से है। वे अपने बीमार पति का इलाज कराने के लिए रॉबर्ट्सगंज चण्डी होटल के समीप स्थित देवा चिकित्सालय गई थी। जहां डॉ.आलोक वर्मा के खाते में पांच हजार रुपये ऑनलाइन और 26 हजार रुपये नगद दिए। जहां पति का उपचार चल रहा था। बेड चार्ज व डॉक्टर की फीस अलग से ली गई। समुचित व सही ढंग से दवा इलाज न होने के कारण उसके पति की तबीयत गंभीर हो गई।छुट्टी मांगने पर डाक्टर ने पांच हजार रुपए और मांग की गई। जिस पर उसने एक घंटे में रुपये का इंतजाम करने की बात कहीं गई। आरोप है कि छह जून की दोपहर 12 बजे आरोपी चिकित्सक उसका और उसके पुत्री का हाथ पकड़कर खींचने लगा। गाली-गलौज करने के साथ ही उसके साथ छिना झपटी करने लगा। इस दौरान उसकी पुत्री की साड़ी खुल गई और वह बेपर्दा हो गई। जिसके बाद डॉक्टर ने गलत ढंग से उसकी पुत्री के शरीर को छूने लगा। तब उसने 112 नम्बर डायल किया। हालांकि पुलिस उक्त डाक्टर के प्रभाव में उसे ही थाने पर जाने के लिए कही। उसने मामले में तहरीर भी दिया। मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई, उल्टे उससे ही सादा कागज पर अंगूठे का निशान लगवा लिया गया।आरोप है कि फर्जी मुकदमें में जेल भेजने का डर दिखाकर उसके पुत्र व पुत्री से भी हस्ताक्षर कराया गया। दस दिन बाद कार्रवाई करने की बात कहीं गई। मगर न तो केस दर्ज किया गया और न ही मेडिकल मुआयना कराया गया। सूचना संबंधित उच्चाधिकारियों को देने के साथ ही अपने पति का इलाज कराती रही। इलाज के दौरान चिकित्सक के मारने से पति के शरीर पर आयी गंभीर चोटों के कारण एक सप्ताह बाद उनकी मौत हो गई। तहरीर के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं किया। अब कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने चिकित्सक पर छेड़खानी, मारपीट, एससी-एसटी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।