Breaking News

मऊ: कथा सुनने का अवसर मिलना, जीवन का सौभाग्य: सन्त ज्ञानानंद सरस्वती

मऊ। मनुष्य कई जन्मों में अच्छे कार्य करता है तब जाकर उसको कथा सुनने या करवाने का सौभाग्य प्राप्त होता है।  कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के पाप सब मिट जाते है। उपरोक्त बातें रानीपुर क्षेत्र के तिवारीपुर में चल रहे ज्ञान महायज्ञ अनुष्ठान में पूज्य संत महाराज श्री ज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज ने कथा के विश्राम दिवस पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा। रविवार को महाराज जी ने सात दिवसीय श्रीमद भागवत  कथायज्ञ की पूर्णाहुति एवम् कथा विश्राम कराया। श्री सरस्वती ने कहाकि जो जिस समय लिखा रहता है वही अपने समय में होता है। व्यक्ति केवल एक माध्यम मात्र है और आज की पूर्णाहुति का दिन बहुत ही पवित्र दिन है।आज मार्ग शीर्ष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा है और आज के दिन विश्राम का योग बहुत ही कम समय में होता है और यह योग काल मनुष्य के लिए एक वरदान साबित होता है। इस योग में हवन पूर्णाहुति होना अपने आप में पवित्र होता है। जहां तक हवन का धुआं पहुंचता है वहां तक की धरती पवित्र हो जाती है सनातन धर्म में इस पवित्रकथा को करने तथा तथा करने का सौभाग्य सभी को प्राप्त नहीं होता। आज की कथा में कथा कर रहे महेश चंद्र मिश्रा व्यास जी ने भगवान श्री कृष्णा के और रुक्मणी के विवाह की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि किस तरह से उन्होंने द्वारका नगरी बसाई गोवर्धन पूजा किया और किस तरह से अपने भक्तों का भगवान ने उद्धार किया। कथा के मुख्य यजमान विजय बहादुर तिवारी, डॉक्टर अशोक तिवारी, तेज प्रताप तिवारी, रामनारायण तिवारी, शशिकांत तिवारी रविकांत तिवारी, जितेंद्र, सौरभ, दिनेश मिश्रा उर्फ वेन्यू परशुराम मिश्रा आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

Image 1 Image 2

Check Also

जयनगर-झूसी-जयनगर कुम्भ मेला विशेष गाड़ी के संचलन का टाइमटेबल जारी

वाराणसी। रेलवे प्रशासन द्वारा महाकुम्भ मेला के अवसर पर यात्रियों की सुविधा को ध्यान में …