गाजीपुर। उ प्र हिन्दी संस्थान लखनऊ द्वारा बाबू गुलाब राय पुरस्कार से विभूषित ख्यातिलब्ध कथाकार एवं पत्रकार रामावतार जी के 27 नवम्बर को हुए निधन उपरांत आज नगर के लंका मैदान मैरिज हाल मे विश्वकर्मा समाज द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।श्रद्धांजलि सभा मे साहित्यकार गजाधर शर्मा गंगेश ने उनसे जुड़े संस्मरण का जिक्र करते हुए कहा कि रामावतार जी पत्रकारिता की गलियारे से होते साहित्य के क्षेत्र में प्रवेश करके चंद दशकों में देखते-देखते एक सफल कथाकार के रूप में देदीप्यमान नक्षत्र की तरह आलोकित हो गए थे। रामावतार जी डा राही मासूम रजा, डा विवेकी राय जी के बाद सबसे बड़े उपन्यासकार थे। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील सोच के कथाकार रामावतार की कृतियों में भाषा की विशेषता, प्रवाहमयता, सरलता बहुत ही स्पष्ट है। निसंदेह एक कथाकार का हम सबके बीच से जाना साहित्य जगत की अपूर्णीय क्षति है।बालेश्वर विक्रम ने कहा कि रामावतार जी एक सिद्ध पुरूष थे जिनके लेखन कला की अलौकिक साधना जैसे संस्कार की प्रेरणा ने हम जैसे लोगों को लेखक बना दिया ।विश्वकर्मा समाज के जिलाध्यक्ष जनार्दन शर्मा व शिवम् विश्वकर्मा ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उपस्थित लोगों का धन्यवाद आभार व्यक्त किया।श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित लोगों ने साहित्यकार रामावतार जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया।अध्यक्षता रामधनी शर्मा एवं संचालन सुदामा राम विश्वकर्मा ने किया।श्रद्धांजलि सभा मे पूर्व सांसद जगदीश कुशवाहा, हरिशंकर शर्मा, भाजपा जिला मीडिया प्रभारी शशिकांत शर्मा, राम अवतार शर्मा, साहित्यकार दिनेश चंद्र शर्मा, विश्वकर्मा समाज के जिलाध्यक्ष जनार्दन शर्मा, हरेंद्र विश्वकर्मा ,मदन मोहन शर्मा, देवव्रत विश्वकर्मा ,डॉ वीरेंद्र कुमार शर्मा ,डॉ संतोष सिंह,अजय कुमार शर्मा, राम बहादुर विश्वकर्मा, अनिल शर्मा, सतीश कुमार शर्मा, मनोज विश्वकर्मा, पंचदेव शर्मा के आलावा उनके परिजन भी उपस्थित रहे।