प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि जिस देश में बच्चियों की पूजा होती है, वहां मासूमों संग दुष्कर्म की घटनाओं का बढ़ना चिंताजनक है। यह केवल पीड़िता ही नहीं, समाज के विरुद्ध गंभीर अपराध है। ऐसा अपराध मूल अधिकारों का हनन है। यदि सही निर्णय नहीं लिया गया तो न्याय व्यवस्था से लोगों का विश्वास उठ जाएगा। यह टिप्पणी कर न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने मुरादाबाद के चार साल की बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी की जमानत खारिज कर दी। मुरादाबाद के कटघर थाने में अभियुक्त अहसान पर पॉक्सो व दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था। आरोप था कि उसने 21 अप्रैल 24 को एक चार साल की बच्ची को जबरन उठा ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपी ने जमानत के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई। आरोपी के वकील ने दलील दी कि उसे झूठा फंसाया गया है। याची 31 मई 2024 से जेल में बंद है। पीड़िता के बयान मेडिकल रिपोर्ट के विपरीत हैं। मेडिकल रिपोर्ट में अंदरूनी व बाहरी कोई चोट नहीं पाई गई, जबकि एफआईआर में शरीर पर चोटों का जिक्र किया गया है। वहीं, अपर शासकीय अधिवक्ता ने जमानत का विरोध किया और कहा -अपराध जघन्य है। आरोपी जमानत पर रिहा किए जाने लायक नहीं है।