गाजीपुर। कोषागार निदेशालय उ०प्र० द्वारा समस्त मुख्य / वरिष्ठ कोषाधिकारी, उ०प्र० को संबोधित प्रचार-प्रसार हेतु निर्देश दिये गये है। ‘‘ऐसे प्रकरण कोषागारों के संज्ञान में आते रहे है, जिनमें पेंशनर/पारिवारिक पेंशनर की मृत्यु हो जाने के उपरांत उनके परिजनों द्वारा इसकी सूचना संबधित कोषागार को नहीं दी जाती है, जिसके फलस्वरूप कोषागार द्वारा पेंशन/पारिवारिक पेंशन का भुगतान जारी रखा जाता है। बाद में जानकारी मिलने पर अधिक भुगतान की वसूली की कार्यवाही करनी पडती है। इस संबंध में समस्त संबंधितों को सूचित किया जाता है कि यथा स्थिति पेंशनर/पारिवारिक पेंशनर की मृत्यु हो जाने पर इसकी सूचना संबधित कोषागार को तत्काल प्रदान की जाये। यह पेंशनर/पारिवारिक पेंशनर के परिजनों का नैतिक एवं विधिक कर्तव्य है। यह ध्यान रहे कि ऐसे किसी प्रकरण में अनियमित भुगतान की धनराशि अनधिकृत है, जिसकी वसूली बैंक के माध्यम से अथवा भू-राजस्व के बकाये के रूप में वसूल किये जाने की कार्यवाही की जायेगी।‘‘ अतएव उपरोक्त निदेशक, कोषागार उ०प्र० के उपरांकित निर्देश के अनुपालन में इस कोषागार द्वारा प्राप्त करने वाले समस्त पेंशनर/पारिवारिक पेंशनर की मृत्यु हो जाने पर इसकी सूचना कोषागार को इनके परिजनों द्वारा तत्काल मृत्यु प्रमाण-पत्र के साथ सुचित किया जाये। यह ध्यान रहे कि ऐसे किसी प्रकरण में अनियमित भुगतान की धनराशि अनधिकृत है, जिसकी वसूली बैंक के माध्यम से अथवा भू-राजस्व के बकाये के रूप में वसूली किये जाने की कार्यवाही प्रचलित की जायेगी।