लखनऊ। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की विद्या परिषद् की 37वीं बैठक आज माननीय कुलपति प्रो जे पी सैनी की अध्यक्षता में स्वर्ण जयंती सभागार में संपन्न हुई। बैठक के आरम्भ में माननीय कुलपति महोदय द्वारा विश्वविद्यालय की प्रगति से अवगत कराया गया तथा क्रियाकलापों की जानकारी दी गई। विद्या परिषद् की बैठक में नवागत कुलसचिव श्री चंद्र प्रकाश प्रियदर्शी ने सदस्य सचिव के रूप में कार्यसूची प्रस्तुत की। बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय निम्नवत हैं: 1. विश्वविद्यालय के विभिन्न स्नातक एवं परास्नातक पाठ्यक्रमों में न्यूनतम उपस्थिति की अनिवार्यता के भिन्न भिन्न प्रावधानों के कारण छात्रों को हो रही कठिनाई के दृष्टिगत समस्त स्नातक एवं परास्नातक पाठ्यक्रमों में एकरूपता लाने का निर्णय लिया गया था। साथ ही नवीन प्रावधानों के संबंध में सुझाव देने हेतु विश्वविद्यालय स्तर से समिति गठित की गई थी। समिति की अनुशंसा के आधार पर यह निर्णय लिया गया कि सत्र 2024 2025 से समस्त स्नातक/ परास्नातक पाठ्यक्रमों में न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी। परन्तु चिकित्सकीय आधार पर 75 प्रतिशत से कम परन्तु 60 प्रतिशत या उससे अधिक उपस्थिति वाले छात्रों को परीक्षा में सम्मिलित होने की विशेष अनुमति स्नातक छात्रों को पूरे पाठ्यक्रम की अवधि में केवल दो बार तथा परास्नातक छात्रों को पाठ्यक्रम की अवधि में मात्र एक बार दी जाएगी। छात्रों को इस हेतु अंडरटेकिंग प्रस्तुत करना होगा। स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अपना स्टार्टअप रजिस्टर करने वाले छात्रों को न्यूनतम उपस्थिति में 10 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट दिए जाने का निर्णय भी लिया गया। यह छूट हासिल करने के लिए छात्रों को अपने स्टार्टअप के सीईओ का रिकमेंडेशन लेटर प्रस्तुत करना होगा। 2. बी टेक और बी बी ए में प्रथम वर्ष से द्वितीय वर्ष, द्वितीय से तृतीय और तृतीय से चतुर्थ वर्ष में प्रमोट किए जाने हेतु पूर्व से चले आ रहे प्रावधानों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया। अब किसी भी छात्र को अगले वर्ष में प्रमोट होने के वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में केवल 20 क्रेडिट अर्जित करना होगा। यदि छात्र इस वर्ष दोनों सेमेस्टर मिलाकर 20 क्रेडिट अर्जित कर लेता है तो उसे अगले वर्ष में प्रमोट कर दिया जाएगा। पहले यह प्रक्रिया और प्रावधान जटिल थे जिससे अक्सर बच्चे अगले वर्ष में प्रमोट नहीं हो पाते थे।3. समस्त स्नातक एवं परास्नातक पाठ्यक्रमों के शैक्षणिक सत्र 2024-2025 के शैक्षणिक कैलेंडर को अनुमति प्रदान की गई। शासन एवं नियामक संस्थाओं के निर्देशों के अनुरूप द्वितीय, तृतीय, एवं चतुर्थ वर्ष के छात्रों का शैक्षणिक सत्र 10 मई 2025 को समाप्त होगा।4. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बी बी ए) के चार वर्षीय पाठ्यक्रम हेतु नए अध्यादेश को मंजूरी। बी बी ए की नई पाठ्य संरचना अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा निर्धारित मॉडल क्यूरिकुलम पर आधारित है। इसमें छात्रों को न्यूनतम क्रेडिट पूरा करने में फ्लेक्सिबिलिटी (लचीलापन) मिलेगा जिससे छात्र अपनी सुविधा से पाठ्यक्रम पूर्ण कर सकेगा।5. बी टेक पाठ्यक्रम के द्वितीय वर्ष के क्रेडिट स्ट्रक्चर और सिलेबस को मंजूरी प्रदान की गई।6. विभिन्न विभागों की इस सेमेस्टर की शैक्षणिक एवं शोध गतिविधियों की प्रगति आख्या का अवलोकन किया गया तथा विभागीय गतिविधियों के संवर्धन हेतु रचनात्मक सुझाव दिए गए। 7. पी एच डी में नव प्रवेशित छात्रों के नामांकन को अनुमति प्रदान की गई। बैठक में कंप्यूटर साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो उदय शंकर द्वारा पिछले पांच वर्ष में कंप्यूटर साइंस विभाग की प्रगति विषयक प्रस्तुतीकरण किया गया। बैठक में विद्या परिषद् के सदस्यगण लखनऊ विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो आलोक राय, एन एस यू टी के प्रो बिजेंद्र सिंह, एम एन एन आई टी प्रयागराज के प्रो डी एस कुशवाहा सहित समस्त विभागाध्यक्ष, अधिष्ठाता आदि उपस्थित रहे।