वाराणसी। डा संध्या यादव, पूर्व सीनियर रेजिडेंट, आई एम एस, बीएचयू एवं मुख्य चिकित्सक, जे पी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने बताया कि चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है और चारों ओर मां की भक्ति का माहौल है अगर गर्भवती महिला नवरात्र के दौरान व्रत रखना चाहे तो उसे अत्यंत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। व्रत के दौरान इसका प्रभाव केवल मां पर ही नहीं अपितु होने वाली संतान पर भी पड़ता है। पहली तिमाही में गर्भवती महिला व्रत न रखे तो अच्छा होगा क्योंकि लंबे समय तक भूखा रहने पर जी मिचलाना एवम् उल्टी की समस्या हो सकती है। साथ ही तीसरी तिमाही में व्रत के साथ चक्कर आने का खतरा हो सकता है। गर्भवती महिला को यदि कोई अन्य संक्रमण है तो वो व्रत ना रखे। व्रत के दौरान गर्भ में भ्रूण की हलचल पर ध्यान दें तथा कुछ परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टरी परामर्श लें। पूरी तरह स्वस्थ्य गर्भवती महिला को ही नवरात्र का व्रत रखना चाहिए। गर्भावस्था में महिला का शरीर पूरा पोषण चाहता है और ऐसे में उसे संतुलित आहार की आवश्यकता होती है। ज्यादा तली भूनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत के दौरान गर्भवती महिला को हर दो घंटे में कुछ ना कुछ पौष्टिक चीजें (फल, दूध एवम् सूखे मेवे) का सेवन करना चाहिए। साथ ही अधिक से अधिक पानी और नारियल पानी का सेवन करे। उचित होगा कि व्रत रखने से पूर्व गर्भवती महिला को चिकित्सक की भी सलाह ले लेनी चाहिए।