गाजीपुर। ब्रहम स्थल देवकली में आयोजित 50वें मानस सम्मेलन के दूसरे दिन संगीतमय प्रवचन के दॊरान बाराबंकी से आयी हुई कथा वाचक सोनम शास्त्री ने कहा जब करोङो जन्मों का पुण्य उदय होता हॆ तो सतसंग व श्रीराम कथा सुनने को मिलता हॆ। जो परमात्मा के कृपा बिना संभव नही हॆ।त्रेता युग मे शिव जी सती के साथ विचरण कर रहे थे रास्ते मे सीता हरण के पश्चात श्रीराम जी लक्ष्मण के साथ जंगल मे मां सीता को खोजते हुए घूम रहे थे।शिव जी ने जय सच्चिदानंद कहते हुए आगे बढे तो सती को संशय हो परीक्षा लेने के लिए सीता का रुप बनाकर परीक्षा ली जिसके चलते शिव ने उन्हें त्याग दिया।सती ने शिव का अपमान देखकर पिता के यज्ञ मे शरीर को भस्म कर लिया।दूसरे जन्म मे हिमांचल के घर पार्वती के रुप जन्म लेकर तप करके शिव को प्राप्त किया। श्री शास्त्री ने कहा शिव विबाह पर चर्चा करते हुए कहा कि शिव विबाह मे बाराती पहले भोजन करते हॆ वही श्रीराम विबाह मे बाराती बाद मे भोजन करते हॆ।श्रीराम विबाह मे महिलायें गारी गाती हॆ तो देवता सुनकर देर तक खाते हॆ।वही आज के विबाह मे महिलायं गारी नही अभ्रदता पूर्ण गाली देती हॆ रचनाकार ने स्वरुप बिगाङ दिया हॆ। सप्त दिवसीय प्रवचन का कार्यक्रम नित्य सायं 5 बजे से रांत्री 9 बजे के बीच 16 दिसंबर तक चलेगा।इस अवसर पर रामनरेश मॊर्य ,अवधेश मॊर्य,पवन वर्मा,अशोक वर्मा,विशाल वर्मा,नरेन्द्र कुमार मॊर्य,त्रिलोकीनाथ गुप्ता,दयाराम गुप्ता, आदि लोग प्रमुख रुप से मॊजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभुनाथ पाण्डेय व संचालन अर्जुन पाण्डेय ने किया।