मऊ। सदियों से हम सुनते चले आए हैं कि भारत सोने की चिड़िया हुआ करता था। सोने की चिड़िया से तात्पर्य यह नहीं भारत में सोने की खदान थे। बल्कि यहां के उच्च कोटि के शिक्षण संस्थान, ज्ञान, संस्कृति, संस्कार व शिक्षा ही हमारे मूलभूत आधार थे। हमारे यहां की संस्कृति विश्व में सबसे अगली कतार में खड़ी रही। हम नेतृत्वकर्ता के रूप में रहे, जिसके चलते भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। बीच में अलग-अलग विचारधाराओं की लड़ाई व आक्रांताओं के चलते हमने अपना गौरव खो दिया था। आज पुनः वह गौरव अपनी पुरानी स्थिति की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। उपरोक्त बातें जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने नगर के एक प्लाजा में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए कहा। मां वैष्णो देवी यात्रा समिति द्वारा आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि दुनिया की अर्थव्यवस्था में 11वीं शताब्दी में जहां भारत का हिस्सेदारी एक तिहाई था वही 15वीं शताब्दी में एक चौथाई हो गया। जबकि उसके बाद धीरे-धीरे गिरता गया। आक्रमणकारियों का राज बड़ा जिन्होंने सबसे पहले हमारे धन, यश वैभव, शैक्षिक प्रतिष्ठान व आस्था के क्षेत्र के ऊपर प्रहार किया आज हम पुनः अपनी पुरानी संस्कृति और विरासत की ओर बढ़ चले हैं। हमें किसी से छीनना नहीं बल्कि हमें अपने बाप दादा का हिस्सा चाहिए। उन्होंने कहा कि आज भारत स्टार्टअप के क्षेत्र में तीसरे स्थान पर है। दुनिया के किसी भी क्षेत्र में युद्ध में लोग आशा भरी निगाहों से हमें देखते हैं, समाधान हमसे चाहिए। इराक या सूडान में जब भारतीय संकट में थे। भारतीय विमान उतरते ही दोनों देश की सेवा युद्ध विराम कर देती थी। दुनिया के किसी भी भूभाग में दैवी आपदा में आज भारत ही मानवता की सेवा के लिए सबसे आगे नजर आता है। शताब्दी का सबसे बड़ा संकट कोरोना में भारत ने वैक्सीन निकली जो केवल 140 करोड़ भारतीय ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम लोगों की जान बचाई। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है अनेक लोगों ने बलिदान देकर देश के अस्मिता की रक्षा की है। आज पुनः विकसित भारत के लिए पूर्वांचल का योगदान सबसे आगे होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह दौर बीत गया जब मकान, शौचालय, बिजली, पानी, स्वास्थ्य जैसी न्यूनतम नागरिक सुविधाओं के लिए भी हमें तरसना पड़ता था। आज हम उस स्थिति में पहुंच चुके हैं जहां हमारा सम्मान पूरे विश्व में बड़ा है। जम्मू कश्मीर पर विशेष चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 4 वर्ष पूर्व मुझे जम्मू कश्मीर की जिम्मेदारी मिली पहले मुझे यह कार्य बहुत चुनौती पूर्ण लगा। मैंने सोचा भी नहीं था कि मुझे यहां जाना पड़ सकता है। लेकिन बाद में जब मैं वहां को जाना व समझा आज समझ में आता है कि वहां का कार्य मऊ और गाजीपुर में कार्य करने से भी ज्यादा आसान है। जिस जम्मू कश्मीर पहले कुछ और कर्म से सुर्खियों में होता था। पड़ोसी के इशारों पर आगजनी, गोलाबारी, सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी, स्कूल बाजार हड़ताल इत्यादि हुआ करते थे। पड़ोसी देश के इशारे पर कैलेंडर जारी हुआ करते थे। आज वह जम्मू कश्मीर पूरे दुनिया में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में जाना पहचाना जाने लगा है। जी-20 की बैठक हुई लोग उत्सुकता से देख रहे थे कि जम्मू कश्मीर में जी-20 की बैठक सफल नहीं हो पाएगी। लेकिन पूरी दुनिया तमसबीन बनकर देखते रह गई। गत 25 मई को जम्मू कश्मीर में लोकसभा का मतदान हुआ। जिन इलाकों में पहले 5 से 7% मतदान होते थे अब वहां 57 से 58 प्रतिशत मतदान हुआ है। जिस जम्मू कश्मीर में लोग जाने से घबराते थे अब आप वहां महसूस करेंगे कि वाकई कश्मीर अब स्वर्ग बन चुका है। उन्होंने कहाकि बदलाव कल जम्मू कश्मीर नहीं बल्कि पूरे देश में हो रहा है। 50 करोड़ से अधिक लोगों का मुफ्त इलाज हो रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को उन्होंने युवाओं के लिए एक बेहतर उपहार बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा में ही वह शक्ति है जो भारत को पुनः सोने की चिड़िया बनाएगी। मनोज सिन्हा ने कहाकि जहां तक मैं समझता हूं व्यक्ति के जीवन की व्यक्तिगत यात्रा ही शिक्षा है। अंतरध्वनि को चिन्हित करना और उस पर परिश्रम करके बड़ी से बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है। अनपढ़ कबीर जी जिन्हे अपने नाम लिखने की क्षमता भी नहीं थी, उनके ऊपर 1000 से अधिक पीएचडी सोध हुए। सचिन तेंदुलकर इंटरमीडिएट तक की शिक्षा प्राप्त की है। शुरू में वह सचिन क्रिकेट नहीं बल्कि कोई और खेल खेलना करते थे। लेकिन उनके अंतरध्वनि ने उन्हें प्रेरित किया वह क्रिकेटर के भगवान बने। इसी प्रकार रामानुजम केवल इंटरमीडिएट तक पढ़े। लेकिन दुनिया के सबसे बड़े गणितज्ञ बने। गांधी जी भी कहते रहे कि हम ब्लैक बोर्ड पर लिखे हुए शब्द को पढ़कर जितना सीख सकते हैं उससे अधिक हाथों के प्रयोग से भी सीख सकते हैं। उन्होंने भव्य श्रीराम मंदिर, बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर, केदारनाथ कॉरिडोर सहित तमाम धार्मिक क्षेत्र के विकास को सांस्कृतिक पुनर्जागरण बताते हुए कहाकि आज देश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का दौर चल पड़ा है। इतिहास सबक भी देता है। उन्होंने कहाकि पहले भी भारत की प्रगति में तमाम बाधक थे, जो देश के अंदर भी थे देश के बाहर भी थे। ऐसे में यह तय करना हमारी जिम्मेदारी है की सांस्कृतिक पुनर्जागरण की यात्रा रोकनी है या अनवरत बढ़ाना है। संविधान हमें अधिकार के साथ-साथ कर्तव्यों के प्रति सावधान व सचेस्ट भी करता है। अगर हमसे कर्तव्यों से चूक हुई तो देश नहीं बल्कि हमारे आने वाली पीढियों को भी नुकसान उठाना पड़ेगा। स्वस्थ दृष्टि रखिए, हमारा फैसला राष्ट्र हित में होना चाहिए तभी हम इस पुनर्जागरण को सफल यात्रा तक पहुंचा सकेंगे। इस अवसर पर आगंतुकों के प्रति आभार कार्यक्रम श्रीराम जायसवाल व संयोजक वेदनारायण मिश्रा ने किया। जहां प्रमुख रूप से संजीव जायसवाल “डिंपल”, तेजप्रताप तिवारी, आशीष जायसवाल, कन्हैया जायसवाल, लालबहादुर जायसवाल, अंबुज पांडेय, विजय बहादुर पाल, राकेश दुबे, सर्वेश पांडे, मनोज राय, अशोक सिंह, जितेंद्र नाथ पांडे, प्रवीण गुप्ता, कृष्ण मोहन त्रिपाठी, प्रतीक जायसवाल, रवि चौरसिया, नीरज जायसवाल, उमाशंकर, डॉ रामगोपाल गुप्ता, बालकृष्ण सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन श्रीराम जायसवाल ने किया। मां वैष्णो देवी समिति द्वारा नगर के एक प्लाजा में जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा का नागरिक अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया था। जिसमें उन्हें सम्मानित करने के लिए नगर के विभिन्न संस्थाओं व समाज सेवाओं के भीड़ उमड़ पड़ी। जिला ग्राम प्रधान संघ द्वारा जिलाध्यक्ष अजय जायसवाल ने गदा व शाल देकर सम्मान किया। वहीं हनुमत कृपा सेवा समिति, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल, मऊ स्वर्णकार समाज, जयसवाल समाज सेवा समिति, उत्तर प्रदेश मेडिकल एवं सेल्स रिप्रेजेंटेटिव संगठन, मॉर्निंग वॉक समिति, ऑल इंडिया रिपोर्टर्स संगठन, बरनवाल युवा मंच, मऊ फोटोग्राफर एसोसिएशन, रोटरी क्लब प्राइड, अखिल भारतीय गोंड महासभा, राजस्थान सेवा समिति, ब्राह्मण महासभा, अखिल भारतीय मद्धेशिया महासभा, युवा व्यापार कल्याण समिति, ब्रह्मकुमारी ओम शांति समिति, लघु उद्योग भारती, प्रतिनिधि लघु उद्योग व्यापार मंडल, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, समर्थ नारी समर्थ भारत, शांतिकुंज गायघाट, चंद्रा पब्लिक स्कूल, सरस्वती विद्या मंदिर सहित काफी बड़ी संख्या में संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया। वहीं नगर के प्रमुख व्यापारी उद्यमी शिक्षाविद विजय बहादुर पाल, भरत थरड़, अजय सर्राफ, मनीष सोनी, डॉ रामगोपाल गुप्ता उमाशंकर सहित काफी बड़ी संख्या में व्यावसायिक उद्यमी व चिकित्सकों द्वारा भी गवर्नर मनोज सिन्हा का नागरिक अभिनंदन किया गया। मनोज सिन्हा के नागरिक अभिनंदन के दौरान सनातन प्रहरी के रूप में नगर में अनवरत सुंदरकांड का पाठ करने वाले हनुमान सेवा समिति के चंद्रशेखर अग्रवाल चंदू बाबू, लोक सेवा न्यास के आनंद प्रताप सिंह, ब्रह्माकुमारी से बीके निर्मला दीदी, मऊ महादेव मंदिर समिति से मुकेश चौधरी राम सकल चौहान, पूर्वांचल के मालवीय कहे जाने वाले कृष्ण मोहन त्रिपाठी, प्रकाश मेडिकल ग्रुप प्रकाश चंद्र राय, जयसवाल समाज जिलाध्यक्ष लाल बहादुर जायसवाल, ग्राम प्रधान कासिमपुर पंकज पांडे, लावारिस शव अंत्येष्टि करने वाले पीएन सिंह व मॉर्निंग सिंडिकेट से लल्लन राय शामिल रहे।