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गाजीपुर: कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने दलहनी फसलों के दुश्मन कीट को खोज निकाला, बचाव के जारी किए गाइडलाइन

गाजीपुर। विकास खण्ड- भावरकोल के किसानों से प्राप्त शिकायत के क्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र पी०जी० कालेज, गाजीपुर के वैज्ञानिक डा० ओमकार सिंह व डा० शिव कुमार सिंह के साथ भावरकोल के ग्राम गोडउर, सियाड़ी, महेशपुर, वसनिया आदि क्षेत्रों में कीटों से प्रभावित फसलों का निरीक्षण किया गया। प्रभावित फसल और मौजूद कीट के सैम्पल से स्पष्ट हुआ कि यह कीट Tobacco Caterpillar or Tobacco cutworm (Spodopteralitura)   है। यह प्रमुख रूप से दलहनी फसलों की पत्तियों को जालीदार बनाकर क्षति पहुंचाता है। ¼Spodoptera litura½   प्रमुख रूप से दलहनी फसलों को क्षति पहुँचाता है, जैसे मसूर, मटर, चना आदि। गेहूँ में भी आरम्भिक अवस्था में क्षति कर सकता है। एक खेत से दूसरे खेत में क्षति पहुंचाते है। किसानों कोIPM ¼Integrated paste management½ के तहत निम्नलिखित सलाह दी जाती है। Light traps  का प्रयोग 3 traps/ha निगरानी उद्देश्य के लिए करें। Bird perchers  बनाए जिससे Predatory birds     बैठ सके और लार्वा को खाकर समाप्त कर सके। Pheromones trap  का प्रयोग 05/हे०Spodopetra litura lure के साथ प्रयोग करें और lure   हर सप्ताह बदलते रहे। Bacillus thuringensis  का प्रयोग 1 कि०ग्रा०/हे० की दर से प्रयोग करे। Spodoptera litura NPV का प्रयोग 250 LE/ha का प्रयोग करे।  Spray of NSKE or Azadirachtin 1500 ppm@ 5 ml/1 का प्रयोग करे। नाइट्रोजन उर्वरक का प्रयोग कम से कम करे। किसानों को सलाह दी गयी कि फसल चक्र अपनाए, प्रभावित दलहनी फसलों के स्थान पर तिलहनी और खाद्यान्न फसलों की खेती करे। जिन खेतों में फसले प्रभावित है उसमें रसायन जैसे- chlorotraniliprole 18.5% SC, Flubendiamide 20% WG& chorotraniliprole 9.3%+Lambda cyhalothrin 4.6% EC as per therecommebdation of the CIB&RC. कीट नियन्त्रण के उपायों के प्रयोग के पश्चात किसानों को सलाह दी गयी अपने फसलों की निगरानी करते रहे।

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