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मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर में छाई रही तकनीकी की लहर “टेकसृजन 25”

लखनऊ। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्‍वविद्यालय गोरखपुर में दूसरे दिन भी टेकसृजन’ 25 में जारी प्रतियोगिताओं में छात्रों ने बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग कर अपनी तार्किक क्षमताओं तथा भौतिकी के सिद्धांतों का प्रयोग कर अपने चरित्र का पूर्ण विकास किया। एक तरफ जहां “El-Tiro” में शूटिंग मैकेनिज्म को विकसित कर छात्र अपने तकनिकी ज्ञान का प्रयोग कर रहे थे, वही दूसरी ओर “वर्ल्ड पार्लियामेंट” जैसे इवेंट में भाग लेकर छात्रों ने तर्क शक्ति का भी प्रदर्शन किया। छात्रों ने अपनी वैज्ञानिक जागरुकता का “टेकजार” में प्रदर्शन किया एवं “माइंड हसल” इवेंट में कई मनोरंजक गतिविधियों में प्रतिभाग किया। इस फेस्ट में कोडिंग और प्रोग्रामिंग की क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए “कोडजिला” तथा “ब्रिजकृति” इवेंट में प्रतिभाग कर छात्रों ने अपनी रचनात्मक्त योग्यता का प्रमाण दिया। सबसे नवाचारी इवेंट्सः जंकयार्ड वार्ज, CADATHON और रोबोकृति रोबोकृतिः नवाचार और स्वचालित चार्जिंग प्रणाली का संगम रोबोकृति इस वर्ष टेकसृजन का एक विशेष आकर्षण रहा। इस आयोजन की सबसे अनूठी बात थी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन आधारित स्वचालित चार्जिंग तकनीक। इस तकनीक ने दिखाया कि रोबोट्स को ट्रैक पर दौड़ते समय बिना रुके खुद को चार्ज करने की क्षमता कैसे दी जा सकती है। ट्रैक में स्थापित इंडक्शन कॉइल्स और रोबोट्स में लगे रिसीवर कॉइल्स के बीच वायरलेस ऊर्जा स्थानांतरण ने स्वचालन चार्जिंग प्रणाली के क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगाई। यह नवाचार न केवल शैक्षिक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण था, बल्कि इसके कई सकारात्मक दूरगामी प्रभाव भी हैं। यह तकनीक भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए क्रांतिकारी साबित हो सकती है, जहां सड़कों पर चलने वाली गाड़ियां, अपनी बैटरी को स्वचालित रूप से चार्ज कर सकेंगी। इससे न केवल ऊर्जा का कुशल उपयोग संभव होगा, बल्कि प्रदूषण को भी कम किया जा सकेगा।

वैज्ञानिक अंतर्दृष्टि:

इस प्रक्रिया में फराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन (EMI) के सिद्धांत का उपयोग किया गया है। ट्रैक पर लगे इंडक्शन कॉइल्स बिजली से चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करते हैं, और जब रोबोट इस चुंबकीय क्षेत्र से गुजरते हैं, तो इसमें मौजूद रिसीवर कॉइल्स चुंबकीय फ्लक्स में बदलाव को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर देते हैं। यह विद्युत ऊर्जा रोबोट की बैटरी को चार्ज करती है। पूरी प्रक्रिया वायरलेस और कुशल है, जिसमें ऊर्जा के नुकसान को न्यूनतम रखने का प्रयास किया जाता है। फाराडे के EMI सिद्धांत का उपयोग दिखाता है कि कैसे चुंबकीय क्षेत्र में परिवर्तन विद्युत धारा उत्पन्न कर सकता है, जो आधुनिक वायरलेस चार्जिंग तकनीकों की नींव है। रोबोकृति ने यह साबित किया कि भारत में युवा इंजीनियरों की तकनीकी कल्पनाएं और उनके नवाचार देश के लिए लाभकारी हो सकते हैं। जंकयार्ड वार्ज और CADATHON: CAD-ATHON एक अद्भुत कार्यक्रम, जिसने छात्रों को अपने डिजाइन और नवाचार कौशल प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया। इस कार्यक्रम में छात्रों ने Fusion 360 और SOLIDWORKS जैसे कंप्यूटर-एडेड डिजाइन (CAD) सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रचनात्मक कौशल का प्रदर्शन किया। CAD तकनीक, इंजीनियरिंग और डिजाइन क्षेत्र में एक क्रांतिकारी उपकरण है। यह डिजाइनरों और इंजीनियरों को अधिक सटीक और कुशल तरीके से काम करने में मदद करता है, CAD-ATHON ने छात्रों को वास्तविक इंजीनियरिंग समस्याओं को हल करने का अवसर प्रदान किया। इस तरह के कार्यक्रम छात्रों को उद्योग की मांगों के लिए तैयार करने में मदद करते हैं। भविष्य में, CAD तकनीक और भी उन्नत होगी, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का एकीकरण शामिल होगा। इन डिजाइन कुशलताओं का प्रयोग करके छात्रों ने एक हैंड मैकेनिज्म विकसित कर “जंकयार्ड” प्रतियोगिता में भी प्रतिभाग किया। जंकयार्ड, जिसमे छात्र कचरे को कलाकृति में बदलकर अपनी रचनात्मकता को प्रदर्शित करते हैं। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था “किसी भी कचरे को बदलकर अपना खजाना बनाना”। छात्रों ने अपनी रचनात्मकता का परिचय देते हुए बेकार समझी जाने वाली वस्तुओं से कुछ नया और सुंदर मैकेनिज्म विकसित किया। इस तरह के कार्यक्रम न केवल छात्रों के कौशल को बढ़ाते हैं, बल्कि उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार भी करते हैं। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने इस कार्यक्रम के आयोजन से अपने छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा और अवसर प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। कैडेथों के अंतिम चरण में प्रतिभागियों द्वारा 3 डी डिजाइनग मे अपना रचनात्मक कौशल प्रदर्शित किया गया। इन प्रतियोगिताओं में छात्रों ने वास्तविक जीवन की समस्याओं को सुलझाने के कौशल को सीखा।

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