गाजीपुर। स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर में पूर्व शोध प्रबन्ध प्रस्तुत संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी महाविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ तथा विभागीय शोध समिति के तत्वावधान में महाविद्यालय के सेमिनार हाल में सम्पन्न हुई, जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी व छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे। उक्त संगोष्ठी में कृषि संकाय के उद्यान विभाग के शोधार्थी महेंद्र प्रताप ने अपने शोध प्रबंध शीर्षक ” सूक्ष्म पोषक तत्वों के पर्णीय अनुप्रयोग का आम की प्रजाति आम्रपाली के उपज और गुणवत्ता पर प्रभाव” नामक विषय पर शोध प्रबन्ध व उसकी विषय वस्तु प्रस्तुत करते हुए कहा कि आम की फसल पर सूक्ष्म पोषक तत्वों का पर्णीय अनुप्रयोग (फाॅलियर अप्लीकेशन) महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे जिंक (Zn), बोरॉन (B), आयरन (Fe), मैंगनीज (Mn), और कॉपर (Cu) आदि, पौधों के समग्र विकास, फूलों की संख्या, फलों की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने में सहायक होते हैं। प्रस्तुत शोध में फेरस सल्फेट, जिंक सल्फेट और बोरेक्स के आठ विभिन्न कॉम्बिनेशन बनाकर आम की आम्रपाली किस्म पर पर्णीय छिड़काव किया गया और निष्कर्ष निकाला कि फेरस सल्फेट एक प्रतिशत, जिंक सल्फेट एक प्रतिशत और बोरेक्स आधा प्रतिशत एक साथ मिलाकर छिड़काव करने से प्रति पेड़ सबसे अधिक फल प्रतिधारण होता है, फलों की भौतिक-रासायनिक विशेषताओं जैसे कि फलों की लंबाई, फलों की चौड़ाई, फलों का वजन, गूदे का वजन, गुठली का वजन, गूदा और गुठली का अनुपात, कुल घुलनशील ठोस पदार्थ, एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन सी), अपचायक शर्करा, अनपचीय शर्करा और अधिकतम कुल शर्करा में वृद्धि होती है। प्रस्तुतिकरण के बाद विभागीय शोध समिति, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ व प्राध्यापकों तथा शोध छात्र-छात्राओं द्वारा शोध पर विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे गए जिनका शोधार्थी महेंद्र प्रताप ने संतुष्टिपूर्ण एवं उचित उत्तर दिया। तत्पश्चात समिति चेयरमैन एवं महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने शोध प्रबंध को विश्वविद्यालय में जमा करने की संस्तुति प्रदान किया। इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयोजक प्रोफे० (डॉ०) जी०सिंह, मुख्य नियंता प्रोफे० (डॉ०) एस० डी० सिंह परिहार, शोध निर्देशक एवं उद्यान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफे० (डॉ०) धर्मराज सिंह, प्रोफे० (डॉ०) अरुण कुमार यादव, डॉ० रामदुलारे, डॉ० कृष्ण कुमार पटेल, डॉ० रविशेखर सिंह, डॉ० हरेंद्र सिंह, डॉ० हेमंत सिंह, डॉ०पीयूष कांत सिंह, डॉ० शिवशंकर यादव, डॉ० कमलेश, प्रदीप सिंह एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा शोध छात्र छात्रएं आदि उपस्थित रहे। अंत में अनुसंधान एवं विकास प्रोकोष्ठ के संयोजक प्रोफे०(डॉ०) जी० सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।