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आजमगढ़: निषाद पार्टी नही मछुआ समाज एनडीए से है नाराज- कैबिनेट मंत्री संजय निषाद

आजमगढ। निषाद पार्टी तो भारतीय जनता पार्टी से नाराज नहीं है लेकिन उनका मछुआ समाज एनडीए से नाराज चल रहा है अगर उसकी नाराजगी को दूर नहीं किया गया तो यह समाज 2027 के विधानसभा चुनाव में सबक सिखा देगा। उक्त बातें निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने शुक्रवार को सर्किट हाउस में कही। वह सहारनपुर से निकली संविधानिक अधिकार यात्रा के तहत जनपद पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि यह यात्रा 27 जिलों से होते हुए आज 28 वें जिले में प्रवेश की है। जिसका उद्देश्य मछुआ समाज को संविधान में प्राप्त अधिकारों के प्रति जागरूक करना है और ऐसे लोगों से सावधान करना है जो संविधान के किताब लिए घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि मछुआ समाज को अनुसूचित जनजाति के तहत आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए उनकी लड़ाई अभी जारी है। समाज को अभी तक आरक्षण का लाभ नहीं मिला है यही कारण है कि यह समाज 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के साथ चला गया था जिसका खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ा और उत्तर प्रदेश की 43 लोकसभा सीटों पर हार मिली। कहा कि भाजपा को मछुआ समाज को आरक्षण का लाभ दिलाना होगा। कैबिनेट मंत्री आशीष के बगावती तेवर का संजय निषाद ने समर्थन किया कहा कि कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो छवि खराब करने का काम कर रहे हैं। निषाद पार्टी जिसके साथ रहती है मजबूती के साथ खड़ी रहती है जब समाजवादी पार्टी ने दरवाजा बंद कर दिया तब हम भाजपा के साथ आए, लेकिन भाजपा में सब कुछ सही नहीं चल रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान संत कबीर नगर सीट से प्रवीण निषाद को हराने में भाजपा के लोगों का हाथ रहा। उन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मझवां से उनके विधायक को तोड़कर भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया। मछुआ समाज को सम्मान नहीं मिला हमें ना तो सिंबल दिया जा रहा है और ना ही हमें सीट दी जा रही है। यही कारण रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मछुआ समाज पीडीए के साथ चला गया। जिले की अतरौलिया विधानसभा सीट के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि अतरौलिया विधानसभा में हमें सबसे ज्यादा मत मिला था और इस बार भी हम अतरौलिया विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ेंगे हालांकि एनडीए की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की नजर भी अतरौलिया सीट पर है। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी अच्छे हैं हमारे मार्गदर्शक हैं। लेकिन, कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो लगातार ऐसा काम कर रहे हैं जिससे वोटर नाराज हो जाए जनता नाराज हो जाए और सहयोगी दल के नेता नाराज हो जाए। यह अधिकारी सरकार की छवि को खराब कर रहे हैं और विपक्ष को लाभ पहुंचने का काम कर रहे हैं। उप्रश में कुछ ऐसे राजनीतिक दल हैं जो जातीय और धार्मिक संघर्ष कराके ही जिंदा रह सकते हैं। संभल हिंसा पर बोलते हुए कहा कि जो भी सर्वे हो रहा है वह पुरातत्व विभाग कर रहा है, उसमें सरकार का लेना देना नहीं है। पिछली सरकारों में पुरातत्व विभाग को सही तरीके से काम नहीं करने दिया जाता था। संभल में जो हिंसा हुई वह जांच का विषय है जांच में दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।

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