गाजीपुर। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा गाजीपुर के तत्वाधान में महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता पीरनगर स्थित डॉ राजेंद्र बाबू की प्रतिमा स्थल पर देश की प्रथम राष्ट्रपति ,महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, संविधान सभा के अध्यक्ष रहे डॉक्टर राजेंद्र बाबू एवं अमर शहीद खुदीराम बोस की जयंती पर माल्यार्पण कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी आयोजित हुआ। इस अवसर पर महासभा के सभी कार्यकर्ताओं ने डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी और शहीद खुदीराम बोस के चित्र पर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया और एक सच्चे देशभक्त की तरह देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने के साथ साथ देश की संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करने का संकल्प लिया लिया। महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने गोष्ठी में डॉ राजेन्द्र बाबू के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि राजेन्द्र बाबू की उपेक्षा कर रही है भारत सरकार। संविधान सभा के अध्यक्ष रहे डॉ राजेंद्र बाबू को संविधान दिवस पर भी भूल गयी देश और प्रदेश की सरकार। सरकार के इस रवैये से कायस्थ समाज आक्रोशित है। वह इस देश के महान नेता थे। वह शुचिता और विद्वता तथा सरलता और सादगी के प्रतीक थे। वह अत्यंत मेधावी थे। वह महान कानूनविद होने के साथ-साथ सरलता और सादगी के प्रतीक थे। वह महात्मा गांधी के अत्यंत प्रिय थे। उन्हें बिहार का गांधी भी कहा गया। वह इतने नैतिक और ईमानदार थे की उनके राष्ट्रपति पद का कार्यकाल खत्म होने के बाद उनके पास रहने के लिए अपना कोई निजी आवास नहीं था ,उन्होंने बिहार कांग्रेस कमेटी के कार्यालय सदाकत आश्रम को अपनी रहने का ठिकाना बनाया। वह हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत हैं, उनका जीवन हम सबके लिए अनुकरणीय है। उन्होंने शहीद खुदीराम बोस को नमन करते हुए कहा कि वह देश की आज़ादी के लिए फांसी पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के क्रान्तिकारी देशभक्त थे। वह पहले क्रांतिकारी थे जिन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। इस अवसर पर मुख्य रूप से सभासद परवेज अहमद,अशोक कुमार श्रीवास्तव, मोहन लाल श्रीवास्तव, अमरनाथ श्रीवास्तव, अरूण कुमार श्रीवास्तव चुन्नू,विभोर श्रीवास्तव, केशव श्रीवास्तव, संजय सेवराई, सत्येन्द्र श्रीवास्तव, संतोष, नन्हें आदि उपस्थित थे। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव एवं संचालन महासभा के जिला महामंत्री अरूण सहाय ने किया।