लखनऊ। मानविकी एवम् सामाजिक विज्ञान विभाग मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, जिसमें सात अलग अलग देशों जैसे लंदन, अमेरिका, केनिया, नाइजीरिया, उज़्बेकिस्तान जैसे अन्य देशों से विशेषज्ञ एवं प्रतिभागी सम्मिलित हुए। सम्मेलन की शुरुआत दीप प्रज्वलन सरस्वती वंदना एवं विश्वविद्यालय के कुलगीत से हुई। उसके पश्चात बांग्लादेश में हो रहे अल्पसंख्यकों के प्रति हो रही हिंसा के लिए 2 मिनट मौन रखा गया। डॉ सुधीर नारायण सिंह, विभागाध्यक्ष मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग ने औपचारिक रूप से कार्यक्रम से जुड़े विशेषज्ञों एवं प्रतिभागीयों का स्वागत किया। डॉ राज कुमार, प्रधानाचार्य, LJNH Gov. Girls Degree College, हिमाचल प्रदेश, ने औपचारिक रूप से व्याख्यान की शुरुआत की। डॉ संजय प्रसाद पाण्डेय, सम्मेलन के अध्यक्ष ने सम्मेलन के महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की और इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे नाराटिव लिटरेरी कार्यों को प्रभावित करता है और इसी के साथ इन्होंने ई स्मारिका जारी की जो एक शुरुआत है The achievers journal के साथ पत्रिकाओं के प्रकाशन के लिए जो कि ISBN नंबर के साथ प्रकाशित होगा । इसके पश्चात शुभांशु सत्यदेव द्वारा प्रकाशित की गई फिल्म सक्षम का ट्रेलर लॉन्च किया गया जो कि शिक्षा से वांछित बच्चों के जीवन को और उनके संघर्ष को दर्शाता है। यह फिल्म कॉन्स फिल्म फेस्टिवल में अपनी जगह बना चुकी है इसके पश्चात प्रोफ जीऊत सिंह विभागाध्यक्ष मैकेनिकल डिपार्टमेंट ने ये दर्शाया की वो भविष्य में मानविकी सामाजिक विज्ञान विभाग के साथ जुड़कर एक सम्मेलन करेंगे । इसके पश्चात डॉ प्रभाकर तिवारी सह आचार्य विद्युत अभियंत्रण विभाग ने मुख्य वक्ता के रूप में सतत् विकास और आज के समय में उसकी आपातकाल जरूरत पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। तत् पश्चात वर्षा श्रीवास्तव सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर, यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट लंदन ने अगली मुख्य वक्ता के रूप में सस्टेनेबिलिटी, नॉट जीरो, हॉयर एजुकेशन सेक्टर इन द यूनाइटेड किंगडम के ऊपर प्रस्तुत दी। इसके पश्चात् प्रोफेसर अर्जुन दुबे जी ने अपने व्याख्यान में वेदों और शास्त्रों के समय से सतत् विकास की महत्ता का वर्णन किया। उन्होंने शेक्सपियर के “द टेम्पेस्ट” नाटक के अंदर मेलिंडा पात्र द्वारा बोले हुए वाक्यांश पर प्रकाश डाला “हाऊ ब्यूटीफुल दिस मैनकाइंड इज”। उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू के 1951 के UNESCO के एक व्याख्यान पर चर्चा की, जिसमें पंडित नेहरू ने बोला था, की हमसब मानसिक गिरावट और नैतिक पतन से जूझ रहे हैं। अंत में डॉ बी के पाण्डेय, जो कि एक प्रमुख भौतिक विज्ञानि हैं, ने समापन भाषण देते हुए इन्यूग्रल सेशन के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला। अंत में डॉ रवि गुप्ता ने विशेषज्ञों, प्रतिभागियों और अन्य लोगों के योगदान और उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त किया। अंत में वंदे मातरम, राष्ट्रीय गीत के साथ उद्घाटन समारोह का समापन हुआ, जिसके पश्चात सम्मेलन में आए प्रतिभागियों के शोध पेपर प्रेजेंटेशन का सत्र शुरू हुआ जिसमें MBA, PhD और अन्य विशेषज्ञों द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।