लखनऊ। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर में प्राविधिक शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार आशीष पटेल द्वारा भ्रमण किया गया। अपने भ्रमण के दौरान मंत्री द्वारा छात्रों से प्रत्यक्ष संवाद किया इस कार्यक्रम में मंत्री ने छात्रों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याओं, सुझावों और आवश्यकताओं को समझा तथा उनके समाधान हेतु तत्परता दिखाई। संवाद के दौरान मंत्री ने एक छात्रा से छात्रावास की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। छात्रा ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि छात्रावास की सभी व्यवस्थाएँ संतोषजनक और सुचारु हैं। एक छात्र द्वारा विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी के समय को बढ़ाने का सुझाव दिया गया, जिस पर मंत्री ने विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देशित करते हुए आश्वस्त किया कि लाइब्रेरी के समय को बढ़ाने पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पुस्तकालय का डिजिटलीकरण भी किया जा चुका है, जिसके माध्यम से असंख्य पुस्तकें एवं जर्नल्स विद्यार्थियों को उपलब्ध कराये जा चुके है। इसके साथ ही पुस्तकालय में मानव संसाधन बढ़ाने का भी भरोसा दिया। छात्राओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आत्मरक्षा प्रशिक्षण की अपेक्षा जताई गई। इस पर मंत्री ने बताया कि अधिष्ठाता छात्र मामले से इस विषय में पहले ही चर्चा हो चुकी है। प्रस्तावित कार्ययोजना के तहत मौसम अनुकूल होते ही अगले माह से आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा। अपने संबोधन में मंत्री ने बताया कि अखिल भारतीय रैंक के आधार पर फैकल्टी की भर्ती तथा द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ वर्ष के छात्रों को औद्योगिक रूप से सक्षम बनाना सरकार की प्राथमिकता है। इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है, जिससे कंपनियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में हुए कैंपस इंटरव्यू सराहनीय हैं और जहां भी कमी होगी, वहां छात्र उनके नाम से पत्र लिखकर समाधान प्राप्त कर सकते हैं। सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में लैब्स और रिसर्च सेंटर की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए मंत्री ने औद्योगिक भ्रमण, आधुनिक सुविधाओं और व्यावहारिक प्रशिक्षण को प्राथमिकता देने की बात कही। छात्रों को उद्योगों की कार्यप्रणाली से परिचित कराने के लिए औद्योगिक भ्रमण आयोजित किए जाएंगे और अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, उपकरणों तथा नवीनतम सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। पाठ्यक्रम के क्षेत्र में रीसर्च एवं इनोवेशन तथा इंटर्नशिप जैसे विषयों पर, विद्यार्थियों के लिए शाखा-वार ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा। मंत्री ने कुलपति एवं इनक्यूबेशन और इनोवेशन सेल के प्रमुख से अनुरोध किया कि वे इस विषय में सुझाव एवं मार्गदर्शन प्रदान करें । उन्होंने इनोवेशन एवं इनक्यूबेशन सेल के प्रमुख को निर्देश दिया कि वे इस विषय में छात्रों की आवश्यकताओं को देखते हुए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराएं। मंत्री ने औद्योगिक दौरों की महत्ता पे भी काफी ज़ोर दिया, तथा कुलपति से इन दौरों को ध्यानपूर्वक संपूर्ण कराने का आग्रह किया। इस विषय में कुलपति ने मंत्री जी को यह कहते हुए आश्वस्त किया कि औद्योगिक दौरे छात्रों के पाठ्यक्रम का भाग है। मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों से सीएसआर निधि द्वारा दौरों को फंड करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने जनपदीय अभियांत्रिकी विभाग के छात्रों को अरुणाचल प्रदेश में नवनिर्मित डैम तथा चेनाब ब्रिज के दौरे पर ले जाने वादा किया। मंत्री ने विश्वविद्यालय में खेल एवं अन्य सुविधाओं की जानकारी ली। छात्रों ने बताया कि छात्र क्रियाकलाप परिषद के अंतर्गत इनडोर हॉल में बैडमिंटन, बास्केटबॉल, चेस, टेबल टेनिस जैसी खेल सुविधाएँ उपलब्ध हैं। साथ ही 12 एकड़ में बने स्टेडियम में क्रिकेट, खो-खो, फुटबॉल, और वॉलीबॉल की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। छात्रों द्वारा जिम बंद होने की जानकारी दी गई, जिस पर मंत्री ने बताया कि इनडोर जिम का लगभग ₹11 लाख की लागत से आधुनिकीकरण कार्य और भवन में सिविल कार्य होने के कारण यह कुछ समय से बंद था। अब कार्य पूर्ण हो चुका है और 26 जनवरी से जिम छात्रों के लिए खोल दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त ₹8 लाख की लागत से दो ओपन जिम बनाए जा रहे हैं, जिनके उपकरण खरीद लिए गए हैं और स्थापना का कार्य प्रगति पर है। वहीं, दो और ओपन जिम महिला छात्रावासों के लिए प्रस्तावित हैं। मंत्री का यह संवाद कार्यक्रम विश्वविद्यालय में छात्रों की समस्याओं और उनके सुझावों को गंभीरता से सुनकर समाधान प्रदान करने की दिशा में एक प्रभावशाली पहल सिद्ध हुआ। छात्रों ने भी इस संवाद कार्यक्रम की सराहना करते हुए अपने विचार और सुझाव साझा किए। विश्वविद्यालय प्रशासन मंत्री के मार्गदर्शन में छात्र कल्याण हेतु निरंतर प्रयासरत रहेगा। मंत्री ने सभी विद्यार्थियों से पत्राचार के माध्यम से अपने बहुमूल्य सुझाव उन तक प्रेषित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम के अंत में मंत्री ने सभी शिक्षक गणो से यह अनुरोध किया कि शैक्षणिक गतिविधियों के साथ साथ एक अभिभावक के रूप में भी अपनी दृष्टि बनाए रखें एवं उनके बहुमुखी विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दें। मंत्री द्वारा विश्वविद्यालय के अधिकारियों, विभागाध्यक्षों, और अधिष्ठातागण के साथ बैठक का प्रगति का जायजा लिया और छात्रों की समस्याओं के त्वरित निवारण के लिए निर्देशित किया।