गाजीपुर। अहिल्या बाई होल्कर के 300वीं व स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती समारोह रविवार को श्रीरामलीला लंका मैदान स्थित सभागार में धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की मुख्यवक्ता गुन्जन नन्दा दीदी ने अपने उदबोधन में बताया कि महारानी अहिल्या बाई होल्कर से पुण्यश्लोका देवी अहिल्या बाई बनने का गौरवशाली इतिहास रहा है। माहरानी बन कर कैसे राजतंत्र का कुशल संचालन किया और मोह रहित न्याय व्यवस्था अपने राज में कायम किया ये आज के महिलाओ के लिए प्रेरणा स्रोत्र है। उन्होने अपने शासनकाल में गुरकुल में वेदो की शिक्षा अनिवार्य कर दिया था। शासन चलाने के लिए अलग राजकोष व व्यक्तिगत कार्यो में व्यय के लिए अलग राजकोष का निर्माण किया था और कभी भी व्यक्गित कार्यो में होने वाले व्यय राजकोष से नही किया। मालवा की गौरवशाली शासक, समाजसुधारक, महान नेत्री पुण्यश्लोका अहिल्याबाई भारतीय इतिहास का स्वर्णिम पर्व के रूप में रहा है। एक ग्रामीण पृष्ठिठाभूमि वाले सामान्य परिवार की बालिका से असाधारण शासनकर्ता तक की उनकी जीवन यात्रा आज भी प्रेरणा का महान स्रोत्र है। कतर्व्य सादगी धर्म के प्रति समर्पण, प्रशासनिक कुशलता, दूर दृष्टि व उज्जवल चारित्रत्य की अद्वितीय आदर्श थी। स्त्री उन्नयन के लिए सदैव संकल्पित थी विधवा प्रथा को समाप्त करेन के लिए उनके पति के मृत्यु के उपरान्त उन्हे उनकी सम्पत्ति में अधिकार देने की परम्परा की शुरूआत की। युद्ध मंे सैनिक को वीरगति प्राप्त होने पर उनके विधवा को नौकरी में रखने का प्रचलन उन्होने चलाया, सती प्रथा के उन्मूलन में उनका विशेष योगदान रहा। अहिल्या बाई को उनके धार्मिक योगदान व सम्पर्ण को लेकर उन्हे पुण्यश्लोका व देवी की उपाधी दी गयी । ऐसी लोकमाता अहिल्याबाई के जन्म की त्रिशताब्दी वर्ष का आयोजन कर उनके आदर्श को आत्मसात करने की प्रेरणा देता है। आगे स्वमी विवेकानन्द पर उन्होने बताया कि माता जननी होती है महिला कभी कमजोर नही होती है। माता के हाथ मंे सृजन व देश का नेतृत्व होता है हम अपने महिलाओ के गौरवशाली परम्परा का निवर्हन कर राष्ट्र व धर्म की रक्षा के साथ साथ नये युवक युवतियों को सामने गौरवशाली परम्परा के निहर्वन की प्ररेणा देती है। कार्यक्रम का शुभारम्भ माता अहिल्या बाई होल्कर व स्वामी विवेकानन्द के चित्र पर माल्यापर्ण व दीपप्रज्जलन विभाग संचालक सचिदानन्द व जिला संचालक जयप्रकाश वर्मा ने किया। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप मे माधव जी ने अपने विचार व्यक्ति किये। कार्यक्रम की अध्यक्षा निर्मला दीदी प्रजापिता ईश्वरीय ब्रम्हकुमारी ने अपनी उध्क्षीय उदबोधन में सरस्वती शिशु मंदिर रायगंज व आर्यन पब्लिक स्कूल जंगीपुर के बच्चो का माता अहिल्याबाई के मोह रहित अपने पुत्र को मृत्युदण्ड की सजा सुनाने को जो मार्मिक नाटय मंचन किया उसकी भूमि भूमि सराहना किया। इस नाटयमंचन व सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल स्कूली बच्चो को विभाग संचालक व जिला संचालक ने संयुक्त रूप से पुरस्कार वितरण किया। मंचासीन अतिथियो का स्वागत महारानी अहिल्याबाई होल्कर के स्मृतिचिन्ह व अंगवस्त्रम प्रदान कर किया गया। कार्यक्रम का संचालन सह नगर कार्यवाह अभिषेक ने किया। इस कार्यक्रम में सह विभाग प्रचारक दीपक, जिला प्रचारक सुरज, विभाग प्रचार प्रमुख जितेन्द्र, नगर संचालक दीनदयाल, ईश्वारानन्द, नगर कार्यवाह अंजनी, जिला कार्यवाह अमित, बालकार्य सेवा प्रमुख बालकिशुन, प्रचार प्रमुख चन्द्रकुमार, अम्बिकेश दत्त, सुधाकर राय, डीजीसी कृपाशंकर राय, कृष्ण बिहारी राय, संजू तिवारी, अर्थव तिवारी, शिवानी तिवारी, देवसरन, दुर्गेश दत्त चतुर्वेदी, नीलम सिंह, नीलम चर्तुवेदी, अनुज राय, शैजला राय, अजय तिवारी, जेपी सिंह, सुधीर जायसवाल, श्रीप्रकाश केशरी, धर्मराज जायसवाल, नरेन्द्र सिंह, डा. धमेन्द्र, अमित सिंह, सुनील ंिसह, शशिकान्त शर्मा, अमित ंिसह, अरूण कुमार दूबे, सरिता अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, लालसा भारद्वाज, साधना राय, सोनी सिंह आदि उपस्थित रही।