गाजीपुर। काशी रंगमंच कला परिषद सिधौना की टीम मुंबई में अपने दूसरे दिन के लीला मंचन में श्रीराम रावण के बीच युद्ध के प्रसंग को दर्शाया। लीला मंचन के अंतिम आरती में पूरे मैदान पर हजारों की संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने झूम झूमकर श्रीराम सीता के अदभुत झांकी का आनंद लिया। मेघनाद लक्ष्मण के ओजपूर्ण संवाद और महायुद्ध को देख लोग चकित रह गए। शक्तिवाण के प्रभाव से लक्ष्मण के मूर्छित होने पर श्रीराम के विलाप ने माहौल को गमगीन बना दिया। हनुमानजी और भरत जी के प्रसंग को लोगों ने अनोखे भ्रात प्रेम के रूप में देखा। विशालकाय कुम्भकर्ण ने रावण को भ्रात धर्म का मर्म समझाया। नरान्तक और अंगद के वाकयुद्ध से लोग खूब आनंदित हुए। मेघनाद वध के बाद रावण का संताप लोगों के दिल को छू गया। रावण के पुत्र अहिरावण द्वारा श्रीराम लक्ष्मण का अपहरण कर बलि देने और हनुमानजी द्वारा उन्हें बचाने का दृश्य लोगों को रोमांचित कर गया। रावण के साथ वीर बलवान हनुमानजी और सुग्रीव की लड़ाई देखने योग्य रही। श्रीराम और रावण का अंतिम युद्ध देख लोग अपने जगह पर खड़े हो गए। लहुरी काशी के पारंपरिक रामलीला मंचन कला को देशभर में प्रचारित प्रसारित करने का बीड़ा लेकर निकले रंगमंच कला परिषद सिधौना के कलाकारों ने मुंबई जैसे अभिनय के महासागर में मंचीय रामलीला को गौरवान्वित कर दिया। हजारों की संख्या में लीला प्रेमी भीड़ ने कलाकारों के उपर घण्टों पुष्पवर्षा करते रहे। छोटे छोटे बाल कलाकारों को महिलाओं की भीड़ ने घेरकर उन्हें छूने और गले लगने का सौभाग्य प्राप्त कर रहीं थी। मंचीय संचालन कर रहे विन्देश्वरी सिंह ने उत्तरप्रदेश सरकार के आयुष राज्यमंत्री डॉ दयाशंकर मिश्रा द्वारा प्रेषित काशी विश्वनाथ धाम का पूजित प्रसाद स्वरूप रुद्राक्ष की माला और अंगवस्त्र आयोजक मंडल के पदाधिकारियों को सौंपा। श्रीरामचरित मानस मंडल मुंबई के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों ने लीला टीम का आभार जताते हुए रामलीला कला को गरिमा और गौरव बनाये रखने पर भूरी भूरी प्रशंसा कर उन्हें सम्मानित किया। लीला व्यास शिवाजी मिश्रा और लीला संयोजक कृष्णानंद सिंह को मुंबई के कई उपनगरों से लीला मंचन का प्रस्ताव मिला।